मेरे आंसुओं को उसने इस कदर सहेजा है
उसके सफ़ेद कमीज़ पर मेरे काजल के निशान अब भी है
मेरी सिसकियों को उसने कुछ इस कदर संभाला है
उसकी कविताओं में मेरा नाम अब भी है...साहित्य तक द्वारा आयोजित इंडिया टुडे मीडियाप्लेक्स स्थित ऑडिटोरियम में 'माइक के लाल: सीज़न-2' ओपेन माइक इवेंट में 'स्वीटी ममता' द्वारा पढ़ी गई ये शानदार शायरी आप भी सुनिए. इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी साहित्य तक के सभी डिजीटल मंच पर एक साथ किया गया था. आज से हम साहित्य तक- माइक के लाल' के तहत ओपन माइक में पढ़ी गई उन रचनाओं को यहां भी प्रसारित कर रहे हैं. स्वीटी की इस मंच पर सुनाई गई कविता 'मेरी सिसकियों को उसने कुछ इस कदर सभाला है'... को आप भी सुन सकते हैं और अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं. युवा प्रतिभाओं को मंच दिलाने की साहित्य तक की इस मुहिम से जुड़े रहिए, और हर दिन यहीं, इसी वक्त सुनिए माइक के लाल की उम्दा प्रस्तुतियां