जम्मू-कश्मीर के कश्मीरी पंडित प्रधानमंत्री राम चंद्र काक को महाराजा हरि सिंह ने अपदस्थ कर दिया था, और भारत- पाकिस्तान की स्वतंत्रता की पूर्व संध्या पर जेल में डाल दिया था. राम चंद्र काक की पत्नी मार्गरेट काक के पत्रों और डायरी प्रविष्टियों के साथ-साथ काक के अप्रकाशित संस्मरण के खंड, जो राज्य प्रशासन में उनके करियर को देखते हैं, से युक्त यह पुस्तक परिवार और कश्मीर के एक ऐसे पक्ष को उजागर करती है जो पहले कभी नहीं देखा गया है. उनके पोते सिद्धार्थ काक और उनकी बेटी लीला काक भान द्वारा लिखित, यह पुस्तक एक ऐसे जोड़े की झलक है जो इतिहास के शिखर पर मौजूद थे, जिन्होंने अपने रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं का अनुग्रह और साहस के साथ सामना किया. यह पुस्तक राम चंद्र काक के करियर और जिंदगी के सच का आईना भी दिखाती है.
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आज की किताबः 'Love, Exile, Redemption : The Saga of Kashmir’s Last Pandit Prime Minister and his English Wife'
लेखक: सिद्धार्थ काक, लीला काक भान
भाषा: अंग्रेज़ी
विधा: कथेतर | Non- Fiction
प्रकाशक: रूपा पब्लिकेशंस
पृष्ठ संख्या: 318
मूल्य: 695 रुपए
साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.