चुंबकीय आकर्षण और ताजगी के कथाकार 'कथेतर गद्य शिल्पी बलराम' | Virendra Aazam | EP 1036 | Sahitya Tak | Tak Live Video

चुंबकीय आकर्षण और ताजगी के कथाकार 'कथेतर गद्य शिल्पी बलराम' | Virendra Aazam | EP 1036 | Sahitya Tak

बलराम की कहानियों में एक तरफ प्रेमचंद जैसी आम बोलचाल की सहज सरल भाषा है तो दूसरी तरफ रेणु जैसी आंचलिकता भी, जो गांव से शहर को और शहर को गांव से जोड़ती है. इस रूप में वे ऐसे कथाकार ठहरते हैं, जिसने बौद्धिक तामझाम के बिना कहानियों में सृजन के शिखर छुए.इस पुस्तक में कई साहित्यिक विद्वानों के योगदान शामिल हैं जिन्होंने बलराम के चरित्र का विश्लेषण किया है। विशेष रूप से, बलराम की कहानियों पर आलोचक विश्वनाथ त्रिपाठी की अंतर्दृष्टि को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जाता है. जबकि करुणाशंकर उपाध्याय और अनामिका जैसे साहित्यकारों ने बलराम की कथा शैली की प्रशंसा की है और उनके गैर-काल्पनिक गद्य पर अधिक जोर दिया है. नासिरा शर्मा, महेश दर्पण और कई अन्य विद्वानों ने बलराम के काम को देखा है और विभिन्न दृष्टिकोण प्रदान किए हैं. पुस्तक में विभिन्न शैलियों में बलराम की चुनिंदा रचनाएं भी शामिल हैं, जो पाठकों को उनकी रचनाओं को स्वयं देखने का मौका देती हैं. हालांकि इस संकलन का विचार वर्षों पहले आया था, लेकिन बलराम की शुरुआती अनिच्छा और कोविड-19 महामारी की शुरुआत के कारण इसमें देरी हुई.

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आज की किताबः कथेतर गद्य शिल्पी बलराम

संपादक: वीरेंद्र आज़म

भाषा: हिंदी

विधा: संस्मरण/ आलोचना

प्रकाशक: सर्व भाषा ट्रस्ट

पृष्ठ संख्या: 264

मूल्य: अजिलद 299 रुपये & सजिलद 499


साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार @jai_prakash1968 से सुनिए इस पुस्तक की चर्चा.