सबसे ख़तरनाक होता है
हमारे सपनों का मर जाना'...अगर आपका कोई सपना अभी भी ज़िंदा है. तो सुनें पाश की यह कविता 'हेमा जोशी' से सिर्फ़ साहित्य तक पर.