रोने की चीखें पाई हंसमुख संगीत नहीं पाया
फिर भी साहस इतना था कि सबकुछ रीत नहीं पाया
दुश्मन ने अपना पूरा दम यहां लगाकर देखा पर
किला भरतपुर वाला कोई दुश्मन जीत नहीं पाया... स्वाति खुशबू से शानदार कविता आप भी सुनिए सिर्फ साहित्य तक पर .