किताबें पाठक को बाहर की दुनिया दिखाती हैं तो मन की कंदराओं में भी ले जाती हैं. दुनिया का विविध साहित्य पढ़ने के बाद ही कहानी या उपन्यास के विषय में कुछ कहा जा सकता है. आप दुनिया के एक बड़े हिस्से के साहित्य को अनदेखा करके शेष साहित्य के बारे में कोई राय नहीं बना सकते. सुधांशु गुप्त की पुस्तक 'कुछ किताबें, कुछ बातें' में लगभग 125 किताबों की चर्चा की गई है. चार खंडों में विभाजित यह पुस्तक कहानीकारों की चार पीढ़ियों को सामने लाती है.
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आज की किताबः 'कुछ किताबें कुछ बातें'
लेखक: सुधांशु गुप्त
भाषा: हिंदी
विधा: आलोचना
प्रकाशक: भावना प्रकाशन
पृष्ठ संख्या: 327
मूल्य: 500
साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.