ए. अरविन्दाक्षन अपनी तरह के अनोखे आलोचक, प्राध्यापक हैं. उनकी इस आलोचनात्मक पुस्तक में मदन कश्यप की पचीस कविताओं पर केंद्रित आलेख शामिल हैं. इसके अलावा उन पर एक लंबा लेख भी शामिल किया गया है. मदन कश्यप की कविताओं के प्रशंसक तथा समकालीन कविता के पाठकों के लिए यह पुस्तक उपयोगी हो सकती है. कविता को केंद्र में रखते हुए कविता की रंग-भूमि को जानने-पहचानने का कार्य ही इस पुस्तक में हुआ है.
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आज की किताबः ज़्यादा प्राचीन है वेदना की नदी (मदन कश्यप की कविताओं पर एकाग्र)
लेखक: ए. अरविन्दाक्षन
भाषा: हिंदी
विधा: आलोचना
प्रकाशक: प्रभाकर प्रकाशन
पृष्ठ संख्या: 183
मूल्य: 199 रुपए
साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.