संस्कृत के महान साहित्यकार कालिदास ने जब आषाढ़ के प्रथम दिन आकाश पर मेघ उमड़ते देखे, तो उनकी कल्पना ने उड़ान भरकर उनसे यक्ष और मेघ के माध्यम से विरह-व्यथा का वर्णन करने के लिए मेघदूत की रचना करवा डाली और देखते ही देखते दुनियाभर में कालिदास की यह कल्पना उनकी अनन्य कृति बन गई. मेघदूत के इस संस्करण में मूल श्लोकों के साथ उनका सरल काव्यमय हिंदी रूपांतरण भी दिया गया है. इसका हिंदी रूपांतरण डॉ भगवतशरण उपाध्याय ने किया है और इसकी भूमिका प्रख्यात साहित्यकार महावीर प्रसाद द्विवेदी ने लिखी है.
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आज की किताबः मेघदूत
रचनाकार: कालिदास
अनुवादक: डॉ भगवतशरण उपाध्याय
भाषा: हिंदी
विधा: महाकाव्य
प्रकाशक: पेंगुइन रैंडम हाउस
पृष्ठ संख्या: 172
मूल्य: 250 रुपए
साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.