शैलेंद्र सागर ने कहा कि आज के समाज का चित्रण या आज का समाज साहित्य से अपेक्षा रखता है. पढ़ने का मतलब ये है कि उसकी तह में घुसना और उसकी संवेदनशीलता को महसूस करना. जो व्यक्ति संवेदनशील नहीं है, वो कभी नहीं लिख सकता. लेखक के अंदर संवेदनशीलता होनी चाहिए. सुनिए पूरी चर्चा सिर्फ साहित्य तक पर.