जिस्म की तमन्ना नहीं, उसका एक दीदार बहुत है... Vishal Pratap Singh | Mike Ke Lal | Open Mic Poetry | Tak Live Video

जिस्म की तमन्ना नहीं, उसका एक दीदार बहुत है... Vishal Pratap Singh | Mike Ke Lal | Open Mic Poetry

उसके जिस्म की तमन्ना नहीं

उसका एक दीदार बहुत है

वो कहती है गुस्सा है पर

उसकी आंखें कहती हैं प्यार बहुत है... साहित्य तक द्वारा आयोजित इंडिया टुडे मीडियाप्लेक्स स्थित ऑडिटोरियम में 'माइक के लाल: सीज़न-3' ओपेन माइक इवेंट में 'विशाल प्रताप सिंह' द्वारा पढ़ी गई ये शानदार कविता आप भी सुनिए. इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी साहित्य तक के सभी डिजीटल मंच पर एक साथ किया गया था. आज से हम साहित्य तक- माइक के लाल' के तहत ओपेन माइक में पढ़ी गई उन रचनाओं को यहां भी प्रसारित कर रहे हैं. विशाल की इस मंच पर सुनाई गई कविता 'जिस्म की तमन्ना नहीं, उसका एक दीदार बहुत है...' को आप भी सुन सकते हैं और अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं. युवा प्रतिभाओं को मंच दिलाने की साहित्य तक की इस मुहिम से जुड़े रहिए, और हर दिन यहीं, इसी वक्त सुनिए माइक के लाल की उम्दा प्रस्तुतियां.