मेरी चाहत में थोड़ी कमी रह गई... Mani Bhushan Pandey | Mike ke Lal | Open Mic Poem | Sahitya Tak | Tak Live Video

मेरी चाहत में थोड़ी कमी रह गई... Mani Bhushan Pandey | Mike ke Lal | Open Mic Poem | Sahitya Tak

एक कसक दिल ही दिल में दबी रह गई

ज़िंदगी में किसी की कमी रह गई... साहित्य तक द्वारा आयोजित इंडिया टुडे मीडियाप्लेक्स स्थित ऑडिटोरियम में 'माइक के लाल' ओपेन माइक इवेंट में 'मणिभूषण पांडे' द्वारा पढ़ी गई ये शानदार कविता आप भी सुनिए. यह प्रस्तुति इस प्रतिष्ठित साहित्यिक मंच द्वारा आयोजित 'जश्न-ए-ग़ालिब' में हुई थी. इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी साहित्य तक के सभी डिजिटल मंचों पर एक साथ किया गया था. आज से हम साहित्य तक- माइक के लाल' के तहत ओपन माइक में पढ़ी गई उन रचनाओं को यहां भी प्रसारित कर रहे हैं. मणिभूषण की इस मंच पर सुनाई गई कविता 'मेरी चाहत में थोड़ी कमी रह गई...' को आप भी सुन सकते हैं और अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं. युवा प्रतिभाओं को मंच दिलाने की साहित्य तक की इस मुहिम से जुड़े रहिए, और हर दिन यहीं, इसी वक्त सुनिए माइक के लाल की उम्दा प्रस्तुतियां.