मैं जब भी तेज़ चलता हूं नज़ारे छूट जाते हैंकोई जब रूप गढ़ता हूं तो सांचे टूट जाते हैं मैं रोता हूं तो आकर लोग कंधा थपथपाते हैं
मैं हंसता हूं तो अक्सर लोग मुझसे रूठ जाते हैं...कुमार विश्वास का यह गीत सुन जनता हुई मंत्रमुग्ध. आप भी सुनिए सिर्फ साहित्य तक पर.