जलने वालों को जरा और जलाया जाए | Mike ke Lal | Nidhi Bajpai | Latest Poetry | Open Mic | Sahitya Tak | Tak Live Video

जलने वालों को जरा और जलाया जाए | Mike ke Lal | Nidhi Bajpai | Latest Poetry | Open Mic | Sahitya Tak

हो लाख गम चलो खुल के खिलखिलाया जाए

जलने वालों को जरा और जलाया जाए

तुम्हारी मेरी दलीलों की न सुनवाई होगी

अब किसी रोज़ फैसला ही सुनाया जाए... साहित्य तक द्वारा आयोजित इंडिया टुडे मीडियाप्लेक्स स्थित ऑडिटोरियम में 'माइक के लाल: सीज़न-3' ओपेन माइक इवेंट में 'निधि बाजपेई' द्वारा पढ़ी गई ये शानदार कविता आप भी सुनिए. इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी साहित्य तक के सभी डिजीटल मंच पर एक साथ किया गया था. आज से हम साहित्य तक- माइक के लाल' के तहत ओपेन माइक में पढ़ी गई उन रचनाओं को यहां भी प्रसारित कर रहे हैं. निधि की इस मंच पर सुनाई गई कविता 'जलने वालों को जरा और जलाया जाए' को आप भी सुन सकते हैं और अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं. युवा प्रतिभाओं को मंच दिलाने की साहित्य तक की इस मुहिम से जुड़े रहिए, और हर दिन यहीं, इसी वक्त सुनिए माइक के लाल की उम्दा प्रस्तुतियां.