दुनिया भर के प्रेमियों को, किसी रोज़... Anu Chakraborty | संग्रह- 'उदासियों की उर्मियाँ’ | EP 1027 | Tak Live Video

दुनिया भर के प्रेमियों को, किसी रोज़... Anu Chakraborty | संग्रह- 'उदासियों की उर्मियाँ’ | EP 1027

स-दल, वृंद

या जत्थे में स्कूल से छूटती

लड़कियां चहचहाती हुई

लगती हैं

बिल्कुल रामचिरैया जैसी


लाल, नीले, हरे, सफेद

रिबन से सजी

उनकी चोटी में गुंथे होते हैं यूं तो

दिन भर के किस्से और हैरतअंगेज

अनगिनत कहानियां भी


अपनी ही पीठ पर लदे बस्ते में

किताब कॉपी और

अचार से सने टिफिन डिब्बे के मध्य

न जाने वो कब चुपके से

समेट लेती हैं


भविष्य में पूरे किये जाने वाले

बड़े कामों की एक लम्बी सूची...यह पंक्तियां अनु चक्रवर्ती के संग्रह 'उदासियों की उर्मियाँ’ से ली गई है.


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आज की किताबः 'उदासियों की उर्मियाँ’

लेखक: अनु चक्रवर्ती

भाषा: हिंदी

विधा: कविता

प्रकाशक: वेरा प्रकाशन ग्रुप

पृष्ठ संख्या: 256

मूल्य: 250 रुपये


साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.