'साहित्य तक: बुक कैफे टॉप 10' की सूची में वर्ष 2023 के श्रेष्ठ 'उपन्यास'-
* 'अगम बहै दरियाव', शिवमूर्ति:
जिन्दगी के विविध रंगों, छवियों और गीत-संगीत से समृद्ध इस उपन्यास में ‘लोक’ की छटा कदम-कदम पर दृश्यमान है, और ग्रामीण जीवन की शान्त सतह के नीचे खदबदाती लोभ-लालच, प्रेमप्यार, छल-प्रपंच और त्याग-बलिदान की धाराएं भी जो जमाने से बहती आ रही हैं. देश के नीति-नियंता चाहें तो इस आख्यान को एक ‘ग्राउंड रिपोर्ट’ की तरह भी पढ़ सकते हैं.
प्रकाशक: राजकमल प्रकाशन
* 'अर्कदीप्त', उषा प्रियंवदा:
भारत, जर्मनी, डेनमार्क और अमेरिका के कई शहरों में फैली यह कथा प्रेम के विराट को उद्घाटित करती है और अनेकानेक पात्रों के माध्यम से जीवन के तमाम पहलुओं से होकर गुज़रती है.
प्रकाशक: राजकमल प्रकाशन
* 'आउशवित्ज़: एक प्रेम कथा', गरिमा श्रीवास्तव:
द्वितीय विश्व युद्ध और बांग्लादेश मुक्ति युद्ध की स्मृतियों के तनाव के बीच यह बहुस्तरीय उपन्यास लिखा गया है जो कभी-कभी आत्मकथा का भ्रम देने लगता है. यह स्मृतियों के आर्केटाइप जैसा कुछ है जो अपने संरचनात्मक रूप में बहुस्तरीय है. उपन्यासकार इतिहास और वर्तमान के बीच आवाजाही करता है.
प्रकाशक: वाणी प्रकाशन
* 'गांधी और सरलादेवी चौधरानीः बारह अध्याय', अलका सरावगी
अलका सरावगी का यह उपन्यास सौ साल पहले घटे जलियांवाला बाग़ के समय के उन विस्मृत किरदारों की भी एक गाथा है, जो इतिहास की धूप-छांव के बीच अपनी जगह बनाने में, अपने रूपक की तलाश में नये अध्याय रचते हैं.
प्रकाशक: वाणी प्रकाशन
* 'महाब्राह्मण', त्रिलोक नाथ पांडेय
यह कृति ‘महाब्राह्मण’ समाज को बहुत करीब से दिखलाती है और उस चित्रण के माध्यम से तमाम विसंगतियों और क्रूर जातीय संरचना के अनछुए पहलुओं और विडम्बनाओं को परत दर परत खोलती है. जाति संरचना के अनदेखे पक्ष का चित्रण और विश्लेषण करती ‘महाब्राह्मण’ निश्चित तौर पर एक महत्त्वपूर्ण कृति है.
प्रकाशक: राजकमल प्रकाशन
* 'मोक्षवन', भगवान दास मोरवाल
यह उपन्यास ऐसे ही अनेक विषयों को परत-दर-परत खोलता हैं इसे मोक्ष की भव्य मंडी बनाकर पोषित किए जा रहे धार्मिक-स्थलों के भीतर पसरे स्याह सत्य को जानने के लिए पढ़ा जाना चाहिए.
प्रकाशक: राजकमल प्रकाशन
* 'हेति- सुकन्या: अकथ कथा', सिनीवाली
सिनीवाली का यह पहला उपन्यास ही हिंदी जगत में उन्हें स्थापित करने के लिए पर्याप्त है. हालांकि इससे पूर्व अपने कहानी संग्रहों 'हंस अकेला रोया' और 'गुलाबी नदी की मछलियां' से भी उन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था. वह कई पुस्तकों का अनुवाद भी कर चुकी हैं. इस उपन्यास की भाषा इसकी बड़ी ताकत है.
प्रकाशक: रुद्रादित्य प्रकाशन
* 'रंग पुटुसिया', अमरेश द्विवेदी
उन सभी मिले-जुले लोगों के लिए जिन्होंने एक-दूसरे की ज़िन्दगी जी है. फ़िल्म 'काला पत्थर' के रिलीज़ के दौर में लौटकर ओढ़ लीजिए उन यादों की गुनगुनी रज़ाई जिसमें क़स्बाई बारीकियों को छांट-छांट कर पिरोया गया है. ये कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि ये उपन्यास रोचकता में कुछ-कुछ श्रीलाल शुक्ल की कथा-शैली की याद दिलाता है. - तिग्मांशु धूलिया फ़िल्ममेकर
प्रकाशक: वाणी प्रकाशन
* 'अक्षि मंच पर सौ सौ बिंब', अल्पना मिश्र
यह उपन्यास अपने दिलचस्प कथ्य, भाषा में 'विट' के कौशल और शिल्प के अनूठे प्रयोग से बांधता है तो चमत्कृत भी करता है.
प्रकाशक: वाणी प्रकाशन
* 'कैद बाहर', गीताश्री
प्रेमी जहां पति मैटेरियल में बदलने लगता है और प्यार विवाह नाम के नरक में, क़ैद की दीवारें वहीं उठना शुरू होती हैं, जिनसे निकलने का संघर्ष इस उपन्यास की स्त्रियां कर रही हैं. लेकिन इस मुक्ति का निर्वाह क्या इतना आसान है? इस उपन्यास से गुज़रना स्त्री-विमर्श के एक जटिल, लेकिन ज़रूरी पड़ाव से साक्षात्कार करना है.
प्रकाशक: राजकमल प्रकाशन
वर्ष 2023 के 'साहित्य तक बुक कैफे टॉप 10' में शामिल सभी पुस्तक लेखकों, प्रकाशकों, अनुवादकों और प्रिय पाठकों को बधाई!