स्वस्थ हिंदू-मुस्लिम सम्बन्धों और भारतीय जनगण के बीच सहिष्णुता के लिए यह जरूरी है कि मुसलमान हिंदुओं के और हिंदू मुसलमानों के मानस को समझें. 'मुस्लिम मन का आईना' पुस्तक इसी भावना को लेकर भारत और पाकिस्तान के आठ प्रसिद्ध मुस्लिम नेताओं के जीवन को रेखांकित करती है, और उनके कहे-अनकहे पहलुओं को हमारे सामने लाती है. जिन लोगों के जीवनेतिहास के माध्यम से इस पुस्तक में लेखक ने भारतीय उपमहाद्वीप के मुसलमानों में झांकने का प्रयास किया है, उनमें ये नाम शामिल हैं: सैयद अहमद ख़ाँ, मुहम्मद इक़बाल, मुहम्मद अली, मुहम्मद अली जिन्ना, फ़ज़लुल हक़, अबुल कलाम आज़ाद, लियाक़त अली ख़ाँ, ज़ाकिर हुसैन.
'मुस्लिम मन का आईना' पुस्तक हमारे मन-मस्तिष्क में बनी मुसलमानों के प्रति उन सभी भ्रान्त धारणाओं को वैचारिक स्तर पर तोड़ती है, जिन्हें हम तथाकथित ‘इतिहास’ के रूप में जानते आए हैं. हिंदू और मुस्लिम समुदाय की मानसिक संरचना में कितनी एकरूपता है और कितनी भिन्नता तथा दोनों ही समुदाय हर पहलू से कितने एक-दूसरे के नजदीक हैं, पुस्तक हमें विस्तार से बताती है.
‘Understanding The Muslim Mind’ अंग्रेज़ी पुस्तक से अनूदित राजमोहन गांधी की यह पुस्तक हमें अत्यंत विनम्रता से उन जिंदगियों को समझाने का प्रयत्न करती है, जिनके विषय में हम जानते हुए भी बहुत कम जानते हैं.
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आज की किताबः 'मुस्लिम मन का आईना'
मूल किताब: Understanding The Muslim Mind
लेखक: राजमोहन गांधी
अनुवादक: अरविन्द मोहन
भाषा: हिंदी
विधा: राजनीति
प्रकाशक: राजकमल प्रकाशन
पृष्ठ संख्या: 400
मूल्य: हार्ड बाउन्ड 845 रुपये , पेपरबैक 449 रुपये
साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.