बेसबब ही कभी आवाज लगाओ तो सही
अपने होने का कुछ एहसास दिलाओ तो सही...शायर अज़ीज़ नबील की बेहतरीन उर्दू शायरी सुनें सिर्फ़ साहित्य तक पर.