क्या Jinnah को Gandhi Ji ने बढ़ावा दिया था? Kamlakant Tripathi ने सावरकर, हिंदुत्व पर जो कहा | EP 67 | Tak Live Video

क्या Jinnah को Gandhi Ji ने बढ़ावा दिया था? Kamlakant Tripathi ने सावरकर, हिंदुत्व पर जो कहा | EP 67

- East India Company का आधा काम मराठों और मुग़लों ने कर दिया

- संस्कृति शहरों में नहीं गांवों में बनती है

- गांधी ने खुद को दुनिया के सामने कैसा दिखाया?

- क्या जिन्ना को पैदा करने के पीछे महात्मा गांधी का हाथ?

- सावरकर के लिए हिंदुत्व का मतलब क्या था?

- क्या मुसलमानों के पूर्वज हिंदू थे?

ये सवाल कुछ ऐसे हैं, जिन पर रोज़ बहस होती है. चाहे गांधी की बात हो, सावरकर की बात हो या हिंदुत्व की बहस, साहित्य तक के खास कार्यक्रम 'बातें- मुलाकातें' में लेखक कमलाकांत त्रिपाठी ने इन सभी बिंदुओं पर तर्क सहित अपनी बात रखी है. उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ से ताल्लुक रखने वाले कमलाकांत ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से राजनीतिशास्त्र में एम.ए. और पंजाब विश्वविद्यालय से एम.फिल. की डिग्री हासिल की. कुछ समय तक गोरखपुर विश्वविद्यालय में प्राध्यापन के बाद आप 37 वर्षों तक भारतीय राजस्व सेवा में रहे और 2012 में आयकर लोकपाल पद से सेवानिवृत्त हुए. आपके लेखन की यात्रा बहुत विस्तृत रही है. अनेक विधाओं में किताबें लिखने के साथ-साथ समकालीन मुद्दों पर भी आपके कई लेख प्रकाशित हो चुके हैं. आपकी प्रकाशित कृतियों में 'पाहीघर', 'सरयू से गंगा', 'निशांत का कोहरा घना', 'बेदखल', 'तरंग', 'मृत्युराग', 'बड़की बहू', 'अंतराल', 'शाश्वत धर्म', 'ज्ञानयोग', 'कर्मयोग एवं भक्तियोग', 'Subhash vs Gandhi', 'Basics of Hinduism', 'Road To Excellence' तथा 'विनायक दामोदर सावरकर: नायक बनाम प्रतिनायक' शामिल हैं. ये पुस्तकें किताबघर प्रकाशन, राजकमल प्रकाशन समूह एवं अन्य प्रकाशनों द्वारा प्रकाशित हैं. लेखन के क्षेत्र में योगदान के लिए आपको 'श्रीकान्त वर्मा स्मृति पुरस्कार', हिन्दी अकादमी दिल्ली का 'साहित्यिक कृति पुरस्कार', 'कथाक्रम सम्मान', 'सांगाती साहित्य अकादमी', बेलगाम (कर्नाटक) का 'भारतीय भाषा पुरस्कार', इफको का 'हिन्दी सेवी सम्मान' और 'श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान' से भी नवाज़ा जा चुका है. Kamlakant Tripathi ने अपनी पुस्तकों के बहाने वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय को क्या कुछ बताया, सुनें इस चर्चा में सिर्फ़ साहित्य तक पर.