हम जी रहे हैं जान
तुम्हारे बगैर भी
हर दिन गुज़र रहा है
गुज़ारे बगैर भी
हम जी रहे हैं जान...राजेश रेड्डी की शानदार ग़ज़ल सुनिए सिर्फ साहित्य तक पर.