हर बार मुजरिम बनकर सज़ा काटी है हमने
पलटकर पन्ने ज़िंदगी के देखे तो बेकसूर थे हम ...साहित्य तक द्वारा आयोजित इंडिया टुडे मीडियाप्लेक्स स्थित ऑडिटोरियम में 'माइक के लाल: सीज़न-3' ओपन माइक इवेंट में 'फाल्गुनी पाठक' द्वारा पढ़ी गई ये शानदार शायरी आप भी सुनिए. इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी साहित्य तक के सभी डिजीटल मंच पर एक साथ किया गया था. आज से हम साहित्य तक- माइक के लाल' के तहत ओपन माइक में पढ़ी गई उन रचनाओं को यहां भी प्रसारित कर रहे हैं.फाल्गुनी पाठक की इस मंच पर सुनाई गई शायरी 'आदत सी होने लग गयी थी हमें तुम्हारी' को आप भी सुन सकते हैं और अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं. युवा प्रतिभाओं को मंच दिलाने की साहित्य तक की इस मुहिम से जुड़े रहिए, और हर दिन यहीं, इसी वक्त सुनिए माइक के लाल की उम्दा प्रस्तुतियां.