हम ऐसा साहित्य रचें, जिससे युवा खुद को जोड़ सकें | Chandrashekhar Verma | Jai Prakash Pandey | Tak Live Video

हम ऐसा साहित्य रचें, जिससे युवा खुद को जोड़ सकें | Chandrashekhar Verma | Jai Prakash Pandey

लेखक चंद्रशेखर वर्मा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि पाप और पुण्य आज भी अस्तित्व में है. आज जब हम युवाओं से बात करते हैं तो हमें पाप और पुण्य की नई परिभाषा देखने को मिलती है. आज अलग तरह के पुण्य की बात होने लगी है. कभी कभी लोगों की अपेक्षाएं बढ़ जाती हैं. हमें खुद कुछ बनना पड़ेगा. आगे बढ़ना पड़ेगा...साहित्य सृजन में ज्ञान का कोई विकल्प नहीं है. हम ऐसा साहित्य रचें, जिससे युवा खुद को जोड़ सकें. बच्चे वो कंटेंट चुन रहे हैं, जो उन्हें परोसा जा रहा है...