गरुड़ पुराण अठारह महापुराणों में एक ,है जिसका उद्देश्य व्यक्ति को जीवन में सही रास्ते पर चलने की प्रेरणा देना है. ऐसी मान्यता है कि जो गरुड़ पुराण की शिक्षाओं का अपने जीवन में पालन कर लेता है, उसे मृत्यु के बाद ईश्वर के चरणों में स्थान मिल जाता है. इस कारण हिन्दू धर्म में गरुड़ पुराण का बहुत महत्त्व है और इसको सुनने-सुनाने की परंपरा है, जिससे मृतक की आत्मा को शांति प्राप्त हो. इस पुस्तक के 11 अध्यायों में देवदत्त पट्टनायक ने 'गरुड़ पुराण' का सरल भाषा में सार प्रस्तुत किया है और उनकी अपनी विशिष्ट शैली में बनी तस्वीरें इसकी रोचकता को बढ़ाती हैं.
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आज की किताबः 'गरुड़ पुराण: मृत्यु, पुनर्जन्म और अमरत्व पर हिन्दू धारणाएँ'
लेखक: देवदत्त पट्टनायक
अनुवाद: मंजुला वालिया
भाषा: हिंदी
प्रकाशक: राजपाल एण्ड सन्ज़
पृष्ठ संख्या: 176
मूल्य: 325
साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.