नालंदा के बारे में बहुत कुछ रहस्य में डूबा हुआ है. इसकी स्थापना कब हुई? इसे किसने स्थापित किया? वहां किसने अध्ययन और अध्यापन किया? कौन से विषय पढ़ाए जाते थे? वहां कितने छात्र और शिक्षक थे? क्या नालंदा आधुनिक अर्थों में एक विश्वविद्यालय था? और आखिरकार इसके पतन का कारण क्या था? अभय के. की पुस्तक ‘Nalanda: How it Changed the World’ इन सवालों को सुलझाती है, नालंदा महाविहार के उत्थान, पतन और फिर से उत्थान की कहानी बताता है. व्यापक शोध के माध्यम से, पुस्तक विज्ञान, गणित, दर्शन, कला, वास्तुकला और कविता जैसे क्षेत्रों में नालंदा के योगदान की खोज करती है.
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आज की किताबः ‘Nalanda: How it Changed the World’
लेखक: Abhay K.
विधा: कथेतर
भाषा: अंग्रेजी
प्रकाशक: Penguin
पृष्ठ संख्या: 193
मूल्य: 699 रुपये
साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए इस पुस्तक की चर्चा