जब एक महिला सच बोलती है तो वह... Adrienne Rich | औरतनामा | Shruti Agarwal | EP 46 | Sahitya Tak | Tak Live Video

जब एक महिला सच बोलती है तो वह... Adrienne Rich | औरतनामा | Shruti Agarwal | EP 46 | Sahitya Tak

'जब एक महिला सच बोलती है तो वह अपने आसपास और अधिक सच्चाई की संभावना पैदा कर रही होती है...' यह कहना था अमेरिकी कवयित्री एड्रिएन रिच का. वे उन चुनिंदा लेखकों में से थीं, जिन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से महिलाओं और समलैंगिकों के उत्पीड़न को समाज के सामने रखा. उन्होंने लेस्बियन कॉन्टिनम को गढ़ा और उसके ज़रिए समाज में जागरुकता की अलख जगाई. उनके पिता को साहित्य में काफ़ी रुचि थी और यही वजह थी कि वह साहित्य की ओर आकर्षित होती चली गईं. 1953 में रिच ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर अल्फ्रेड हास्केन कॉनराड से शादी की. अपनी शादी के बारे में वे अकसर कहा करती थीं कि मैंने आंशिक रूप से शादी की क्योंकि मुझे अपने पहले परिवार से अलग होने का इससे बेहतर तरीका नहीं पता था. मैं पूर्ण महिला के रूप में जीवन को देखना-समझना-जीना चाहती थी. एड्रिएन ने अपने जीवन में दो दर्जन से अधिक कविताओं और आधा दर्जन से अधिक गद्य की किताबें लिखीं. उनकी पहली किताब 'ए चेंज ऑफ वर्ल्ड थी', उसके बाद 'द डायमंड कटर एंड अदर पोएम', 'नेसेसिटीज़ ऑफ लाइफ', 'द विल टू चेंज पोएम', 'द ड्रीम ऑफ कॉमन लैंग्वेज', 'योर नैटिल लैंड- योर लाइफ', 'टू नाइट नो पोएट्री विल सर्व' आदि हैं. उनका सबसे चर्चित काव्य संग्रह 'डाइविंग इन टू ब्रेक' है. इस संग्रह की कविताओं में आत्मखोज और नारीवाद से संबंधित कविताएं हैं. उन्होंने अपने जीवन के अंत तक एक प्रखर नारीवादी महिला का किरदार निभाया और नई पीढ़ी को राह दिखाने का कर्त्तव्य बखूबी निभाया.


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ये वे लेखिकाएं हैं, जिन्होंने न केवल लेखन जगत को प्रभावित किया, बल्कि अपने विचारों से समूची नारी जाति को एक दिशा दी. आज का युवा वर्ग कलम की इन वीरांगनाओं को जान सके और लड़कियां उनकी जीवनी, आजाद ख्याली के बारे में जान सकें, इसके लिए चर्चित अनुवादक, लेखिका, पत्रकार और समाजसेवी श्रुति अग्रवाल ने 'साहित्य तक' पर 'औरतनामा' के तहत यह साप्ताहिक कड़ी शुरू की है. आज इस कड़ी में श्रुति 'एड्रिएन रिच' के जीवन और लेखन की कहानी बता रही हैं. 'औरतनामा' देश और दुनिया की उन लेखिकाओं को समर्पित है, जिन्होंने अपनी लेखनी से न केवल इतिहास रचा बल्कि अपने जीवन से भी समाज और समय को दिशा दी.