दिन दूर नहीं खंडित भारत को पुन: अखंड बनाएंगे
गिलगित से गारो पर्वत तक आज़ादी पर्व मनाएंगे... अटल जी की 15 अगस्त पर ये कविता सुनें सिर्फ साहित्य तक पर.