जब तुम कहती हो
सब ठीक है
तब मुझे लगता है
अभी कितना कुछ
ठीक होना बाकी है,
अभी बाकी है उस सिरे का मिलना
जो हममें उलझकर कहीं खो गया है
और जिसके बिना
हमारी ज़िन्दगी की बुनावट अधूरी है...
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आज की किताबः उदासी कोई भाव नहीं है
लेखक: राज कुमार सिंह
भाषा: हिंदी
विधा: कविता
प्रकाशक: राजकमल प्रकाशन
पृष्ठ संख्या: 142
मूल्य: 299
साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.