पहली बार जब पकड़ा था तुम्हारा हाथ.. Raj Kumar Singh का कविता- संग्रह 'उदासी कोई भाव नहीं है' | EP875 | Tak Live Video

पहली बार जब पकड़ा था तुम्हारा हाथ.. Raj Kumar Singh का कविता- संग्रह 'उदासी कोई भाव नहीं है' | EP875

जब तुम कहती हो

सब ठीक है

तब मुझे लगता है

अभी कितना कुछ

ठीक होना बाकी है,

अभी बाकी है उस सिरे का मिलना

जो हममें उलझकर कहीं खो गया है

और जिसके बिना

हमारी ज़िन्दगी की बुनावट अधूरी है...


**************


आज की किताबः उदासी कोई भाव नहीं है

लेखक: राज कुमार सिंह

भाषा: हिंदी

विधा: कविता

प्रकाशक: राजकमल प्रकाशन

पृष्ठ संख्या: 142

मूल्य: 299

साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.