कोलकाता जब बिक गया था केवल 2300 रुपये में ? Animesh Mukharjee की 'ठाकुरबाड़ी' | Ravindranath Tagore | Tak Live Video

कोलकाता जब बिक गया था केवल 2300 रुपये में ? Animesh Mukharjee की 'ठाकुरबाड़ी' | Ravindranath Tagore

द्वारकानाथ टैगोर इतने बड़े ज़मींदार थे कि जब वे लंदन पहुंचे, तो महारानी विक्टोरिया ने उन्हें प्राइवेट डिनर पर बुलाया, इंग्लैंड का अगला प्रधानमंत्री उनका दोस्त बनना चाहता था. उन्हीं द्वारकानाथ को उनकी पत्नी ने ही घर में घुसने नहीं दिया और उनके पोते रबींद्रनाथ टैगोर ने तो अपने दादा के सारे दस्तावेज़ जलाकर ख़त्म कर दइसी तरह, जिस समय टैगोर और गांधी में वैचारिक युद्ध चरम पर था, उसी समय गुरुदेव की भांजी सरला देवी ने गांधी के लिए खादी से बनी साड़ियों की मॉडलिंग शुरू की, जबकि बापू अपनी पत्नी कस्तूरबा तक को खादी की साड़ियां पहनने के लिए नहीं मना पाए थे.प्लासी का युद्ध हो या पृथ्वीराज कपूर को हिंदी सिनेमा में ब्रेक दिलवाना, औरतों का आधुनिक तरीके से साड़ी पहनना हो या बेझिझक बिकिनी पहनना, भारत के समाज को बदलने वाली तमाम घटनाओं में टैगोर परिवार किसी न किसी तरह से शामिल रहा है. अनिमेष मुखर्जी की यह किताब देश के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता रबींद्रनाथ टैगोर के कुटुंब को जोड़ते हुए इतिहास की कुछ ऐसी घटनाओं और कालजयी प्रेम कहानियों का दस्तावेज़ है, जहां क़िस्से हक़ीक़त से ज़्यादा दिलचस्प हैं.

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आज की किताबः 'ठाकुरबाड़ी: गुरुदेव रबींद्रनाथ टैगोर का कुटुंब वृत्तांत' लेखक: अनिमेष मुखर्जी

भाषा: हिंदी

विधा:

प्रकाशक: पेंगुइन स्वदेश

पृष्ठ संख्या: 209

मूल्य: 299 रुपये


साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए इस पुस्तक की चर्चा.


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