तू जो ख्वाबों में भी आ जाए तो मेला कर दे
गम के मरूस्थल में भी बरसात का रेला कर दे
याद वो है ही नहीं आए जो तन्हाई में
तेरी याद आए तो मेले में अकेला कर दे... कवि विष्णु सक्सेना का यह गीत. आप भी सुनें सिर्फ़ साहित्य तक पर.