The Guardian ने जिसे ख़तरनाक बताया | P Sainath की 'तीसरी फसल: भारत के निर्धनतम ज़िलों की दास्तान' | Tak Live Video

The Guardian ने जिसे ख़तरनाक बताया | P Sainath की 'तीसरी फसल: भारत के निर्धनतम ज़िलों की दास्तान'



वर्तमान प्रणाली किसानों का वैसे ही शोषण करती है, जैसे लोग जानवरों का शोषण करते हैं. पी साईनाथ की किताब 'तीसरी फसल' तब तक पढ़ी जाएगी, जब तक पाठकों के मन में सच जानने की इच्छा जीवित रहेगी. - प्रख्यात चिंतक, विचारक, कूटनीतिज्ञ और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी के ये शब्द यह बताते हैं कि 'तीसरी फसल' सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षाविदों, पत्रकारों, एनजीओ से जुड़े लोगों या आम लोगों के लिए एक ज़रूरी किताब है. इसमें ग्रामीण विकास को लेकर ऐसे तथ्य और ऐसी रिपोर्टिंग की गई है, जिसे सरकारी अधिकारी मानने के लिए राज़ी नहीं होंगे पर जो सच है. इस पुस्तक में भारत के सुदूर इलाकों की अड़सठ रिपोर्टें, दस लेख और उनतीस तस्वीरे हैं, जो ग्रामीण भारत की व्यथा को सामने लाती हैं. इसमें भूख है, बदहाल खेती है, सूदखोर महाजन हैं और बंधुआ मजदूर हैं. यह किताब हर संवेदनशील व्यक्ति के लिए एक ज़रूरी किताब है.


*******

आज की किताबः 'तीसरी फसल: भारत के निर्धनतम ज़िलों की दास्तान'

मूल किताब- अंग्रेज़ी: Everybody Loves a Good Drought

लेखक: पी साईनाथ

अनुवाद: आनन्द स्वरूप वर्मा

प्रस्तावना: गोपालकृष्ण गांधी

भाषा: हिंदी

विधा: कथेतर

प्रकाशक: पेंगुइन स्वदेश

पृष्ठ संख्या: 465

मूल्य: 499 रुपए


साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.