Tirich पर Sanjeev K Jha क्यों बना रहे Film? Uday Prakash का कितना है दबाव? | EP 86 | Sahitya Tak | Tak Live Video

Tirich पर Sanjeev K Jha क्यों बना रहे Film? Uday Prakash का कितना है दबाव? | EP 86 | Sahitya Tak

- उदय प्रकाश की कहानी तिरिछ संजीव के झा तक कैसे पहुंची?

- तिरिछ कहानी के फिल्मांकन में कैसी चुनौतियां हैं?

- किन लोगों के लिए बन रही है फ़िल्म तिरिछ?

- तिरिछ फ़िल्म का कितना है बजट ?

- लेखक अपनी कहानियों को लेकर भावुक होते हैं. आप फ़िल्म बना रहे तो उदय प्रकाश जी का कितना दबाव व प्रभाव है?

- तिरिछ की कहानी किन बिंदुओं पर क्रेंद्रित है?

साहित्य तक के विशेष कार्यक्रम 'शब्द-रथी' में आज राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार से सम्मानित फिल्मों के लेखक, फ़िल्मकार संजीव के झा मौजूद हैं. झा जानेमाने कवि, कथाकार उदय प्रकाश जी की प्रसिद्ध कहानी 'तिरिछ', जिसका कई भारतीय भाषाओं के साथ दुनिया की कई प्रमुख भाषाओं में भी अनुवाद हो चुका है, पर फिल्म बना रहे हैं. 'तिरिछ' अमेरिका की मशहूर साहित्यिक पत्रिका ‘पिग ऑयरन’ और भारतीय साहित्यिक पत्रिका ‘हंस’ सहित कई राज्यों और विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में है. इस कहानी को संजीव के झा बड़े पर्दे पर उतारने के लिए तैयार हैं. वे ही 'तिरिछ' का निर्देशन कर रहे हैं. इसमें एक प्रमुख की भूमिका वेबसीरीज ‘पंचायत’ से चर्चा में आए चंदन रॉय निभा रहे हैं.

स्वतंत्रता सेनानी के परिवार से ताल्लुक़ रखने वाले संजीव के नाना रमेशचंद्र झा न सिर्फ़ 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन के बाग़ी थे बल्कि अपने समय के मशहूर कवि और उपन्यासकार भी थे. मूल रूप से चंपारण बिहार के एक छोटे से गांव के रहने वाले संजीव के. झा जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में स्नातक और गोल्ड मेडलिस्ट हैं. तो साहित्य तक पर सुनिए संजीव के झा संग वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय की ये खास बातचीत.