60 लाख श्लोकों में से केवल 1 लाख ही क्यों बचे Mahabharat में? Mahesh Prasad Pathak का 'महाभारत कोश' | Tak Live Video

60 लाख श्लोकों में से केवल 1 लाख ही क्यों बचे Mahabharat में? Mahesh Prasad Pathak का 'महाभारत कोश'

महर्षि वेदव्यास प्रणीत 'महाभारत' की एक विशिष्ट कृति के रूप में मान्यता है. इसे ही आधार बनाकर विद्यावाचस्पति महेश प्रसाद पाठक ने 'महाभारत कोश' के माध्यम से महाभारत के समस्त बिन्दुओं को मुख्यता से प्रस्तुत कर इसे सरल रोचक और समझने में सहायक बनाया है. 'महाभारत कोश' में महाभारतीय विभिन्न तत्त्वों का समावेश है, जिसके कारण इसकी महत्ता स्वयंसिद्ध होती है. इस कोश में इसकी नामानुक्रमणिका की विशेषता होने के कारण यह सहज, सरल और विशिष्टता को धारण करती है. यह कोश हर आयुवर्ग के लोगों के अलावा विद्यार्थी वर्ग के लिये अधिक लाभदायक सिद्ध होगी.

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आज की किताबः 'महाभारत कोश'

लेखक: विद्यावाचस्पति महेश प्रसाद पाठक

भाषा: हिंदी

विधा: ग्रंथ

प्रकाशक: सर्व भाषा ट्रस्ट

पृष्ठ संख्या: 718

मूल्य: 1999 रुपए सजिल्द | 1199 रुपए अजिल्द

साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.