बड़ी उपलब्धियां हमेशा अपने पीछे संघर्ष की लम्बी लीक लिए आती हैं, जहां कुछ दरकनें दिखती हैं तो हौसलों की ऊंची परवाज़ भी है; अपनी ही राख से ही चिंगारियां बीन कर नयी पहचान पाती जिजीविषा है तो पूरी ईमानदारी के साथ अपने अन्तर्विरोधों के आत्म-पड़ताल की निर्भीकता भी.
आज की किताबः 'कहानी का स्त्री-समय'
लेखिका: रोहिणी अग्रवाल
भाषा: हिंदी
विधा: आलोचना
प्रकाशक: वाणी प्रकाशन
पृष्ठ संख्या: 264
मूल्य: 600 रुपए
साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.