"मैं पहली पंक्ति लिखता हूं, और डर जाता हूं राजा के सिपाहियों से, पंक्ति काट देता हूं सिर्फ़ यही सुनना बाकी था कि हमारे वक़्त में ख़ौफ़ के मारे कवि भी बन गए कविता के हत्यारे."
आज की किताबः 'शैलेन्द्र'
लेखक: इन्द्रजीत सिंह
भाषा: हिंदी
विधा: विनिबंध
प्रकाशक: साहित्य अकादेमी
पृष्ठ संख्या: 96
मूल्य: 50 रुपए
साहित्य तक पर 'बुक कैफे' के 'एक दिन एक किताब' में वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पाण्डेय से सुनिए उपरोक्त पुस्तक की चर्चा.