किसी ने क्या खूब कहा है कि सियासत में दोस्ती और दुश्मनी, दोनों सहूलियत को देखते हुए की जाती है। अब एक बार सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को ही देख लीजिए, आज से महज कुछ महीने पहले अखिलेश यादव कांग्रेस के साथ मिल कर बीजेपी को सत्ता से बाहर फेंकने की बात कर रहे थे। लेकिन आज वही अखिलेश यादव लोगों को आगाह कर रहे हैं कि कांग्रेस चालक पार्टी है ..