ये कोई जादुगर नहीं ढाबे पर तंदूर लगाने वाला रसोइया है. जिसे तंदूर में रोटी लगाना भारी पड़ गया. जी हां अपने सही सुना तंदूर में रोटी लगाना भारी पड़ गया. तो दरसल मामल कानपुर के रामादेवी का है. जहां बाबा भोजनायल में काम करने वाले संदीप को मालीक ने इसलिए पीट दिया क्योंकी रोटी बनाने में देरी हो रही थी.