दरअसल, सत्पाल सिंह सेना मे 1985 मे भर्ती हुए थे, उन्होंने 2003 तक देश की सेवा भी की बकायदा ड्राइवर की पोस्ट ये रिटायर्ड हुए...लेकिन जैसे पैसो की लालच में इंसान किसी भी हद्द तक नीचे गिरने के लिए तैयार होता है.. ठीक वैसै ही सत्पाल सिंह ने भी कई लोगो को सेना मे भर्ती कराने के झूठे सपने दिखाए और तो औऱ उन्हे फर्जी दस्तावेज़ जैसे कि यूनिफार्म और कई तरह के पहचान पत्र दिलाए. यह मामला तब सामने आया जब बुलंद शहर में इनके बारे मे शिकायत दर्ज हुई और जब जांच हुई तो मामले का खुलासा हुआ.. हालांकि इस मुद्दे पर सत्पाल सिंह अभी भी यही कहना है