ISRO (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइज़ेशन) ने बताया मंगलयान यानी मार्स ऑर्बिटर मिशन का ईंधन खत्म हो गया और इसकी बैटरी भी काम नहीं कर रही है, जिसके कारण संपर्क टूट गया.
दरअसल वैज्ञानिकों का कहना है कि मंगलयान में लगी बैटरी सूर्य की रोशनी से चार्ज होती थी और हाल के दिनों में मंगल पर कई ग्रहण लगे जिसकी वजह से बैटरी चार्ज न हो सकी.
मंगलयान की बैटरी बिना सूरज की रोशनी के एक घंटे 40 मिनट तक ही चल सकता था. इसके बाद यह किसी काम का नहीं रहा और मंगलयान का अंत हो गया.
ISRO ने मंगलयान को 6 महीनें के लिए 'मार्स' पर भेजा था. लेकिन मंगलयान ने 8 साल 8 दिन तक मंगल ग्रह पर समय बिताया.
इस मिशन को 5 नवंबर 2013 को लॉन्च किया गया और 24 सितंबर 2014 को मंगल की कक्षा में पहुंचा.
रिपोर्ट के मुताबिक मंगलयान मिशन की लागत 450 करोड़ रुपये थी जो कि बहुत ही कम कीमत में तैयार हुआ था.